जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
गूँगी नहीं हैं, दीवारें बोलती हैं वो सब जानती हैं. गूँगी नहीं हैं, दीवारें बोलती हैं वो सब जानती हैं.
कहती तुम्हें नहीं पता वहा कौन रहता है। कहती तुम्हें नहीं पता वहा कौन रहता है।
सुनो दीप ! कुछ उजाला अपने नीचे भी करना शायद यह सूरत बदल जाये और मैं भी कह सकूं- शु सुनो दीप ! कुछ उजाला अपने नीचे भी करना शायद यह सूरत बदल जाये और मैं भी ...
फिर कभी नहीं जगमगायी... तेरे जाने बाद... फिर कभी नहीं जगमगायी... तेरे जाने बाद...
क्या रूह अलग कर पाओगे क्या रूह अलग कर पाओगे